गरीब का केस हो तो आधी रात को भी बुला लो – यह कथन भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की उस संवेदनशील और संवैधानिक सोच को दर्शाता है, जिसमें न्याय का केंद्र सबसे कमजोर और वंचित व्यक्ति होता है। उनकी यह टिप्पणी न केवल न्यायपालिका की आत्मा को प्रतिबिंबित करती है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि न्याय समय, सुविधा या संसाधनों का मोहताज नहीं होना चाहिए।
गरीब का केस हो तो आधी रात को भी बुला लो – यह कथन भारत...
